समाज

‘रामलला हम आएंगे’ कहा था, लेकिन घर बैठने को मजबूर !

अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर शिलान्यास      रामजन्म भूमि मंदिर के शिलान्यास के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां पूरी हो ...

आप माउंट आबू फिर आएंगे न अटलजी !

अटल बिहारी वाजपेयी पहाड़ों की खूबसूरती के कायल थे। हिल स्टेशनों की छटा उन्हें खूब आकर्षित करती थी। यही कारण ...

विलम्ब से विवाह वरदान या अभिशाप ?

विवाह की अवधारणा: वि+वाह; यानी विशेष उत्तरदायित्व का निर्वहन करना. सनातन धर्म में विवाह को सोलह संस्कारों में से एक अहम् ...

डूबते सूरज की बिदाई नववर्ष का स्वागत कैसे

डूबते सूरज की बिदाई नववर्ष का स्वागत कैसे  पेड़ अपनी जड़ों को खुद नहीं काटता, पतंग अपनी डोर को खुद नहीं ...

क्यों न दीपावाली कुछ ऐसे मनायें

दिवाली यानी रोशनी, मिठाईयाँ, खरीददारी , खुशियाँ और वो सबकुछ जो एक बच्चे से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर मुस्कान ...

एक भगवान जो है हैवान-शैतान 

वो दर्द से छटपटाती रही पर निष्ठुर डॉक्टरों को उस पर जरा भी दया नहीं आई Safdarjung Hospital New Delhi. सफदरजंग अस्पताल ...

मां, तुझे सलाम…

क़दमों को मां के इश्क़ ने सर पे उठा लिया साअत सईद दोश पे फ़िरदौस आ गई...   ईश्वर ने जब कायनात की ...

भोजन की बर्बादी एक त्रासदी है

हर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संवेदनशील एवं सामाजिक हो जाते हैं। देश की जनता से ‘मन की बात’ करते ...

हदीस से प्रेरित हो बोको हरम नन्‍हें बच्‍चों को Rape सिखा रहा है ?

30 दिसंबर 2016 को भारत के एक राष्‍ट्रीय न्‍युज पेपर के पोर्टल नवभारत टाइम्‍स ने एक खबर दिखाई कि कुख्यात ...

बचपन मुस्कुराने से महरूम न हो जाए

इन दिनों बन रहे समाज में बच्चों की स्कूल जाने की उम्र लगातार घटती जा रही है, बच्चों के खेलने ...