आधुनिक पूर्वज

रहती दुनिया तक प्रासंगिक रहेगा ‘गाँधी दर्शन’

                                                              गाँधी जयंती (2 अक्टूबर )हेतु विशेष      भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मतिथि 2 ...

सामाजिक-शैक्षिक क्रांति की महानायिका सावित्रीबाई फुले

       इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब समाज और राष्ट्र में शोषण, अन्याय और अत्याचार बढ़ता ...

नेहरु और पटेल का संगम थीं इंदिराजी

     श्रीमती इंदिरा गांधी का शताब्दि-वर्ष आज शुरु हो रहा है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं है और ...

श्री दत्तोपंत ठेंगडी – नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको

श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का नाम मन में आते ही उनके जीवन के विविध आयाम अनायास ही मन-मस्तिष्क में उभर ...

राजनीतिक कीचड़ में कमल थे दीनदयाल जी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने साम्यवाद, समाजवाद और पूंजीवाद के बीच बढ़ते संघर्ष के दौरान दुनिया के सामने शांति, बराबरी और ...

चंद्रशेखर आजाद और स्‍वाधीनता संग्राम की आत्‍मा

अभिषेक दयाल उपनिवेशी शासन के विरूद्ध भारत का संघर्ष लम्‍बा और कठिन था। विदेशी शासन की क्रूरता पर काबू पाने की ...

खुदीराम बोस : शहीद की वीरगाथा

निशा भारती  आज की तारीख में आमतौर पर उन्नीस साल से कम उम्र के किसी युवक के भीतर देश और लोगों ...

बुलंद नारों नें अंग्रेजों  की हुकूमत को हिला दिया

 *अर्चना महतो  बजा बिगुल विद्रोह का, नारों ने भरी हुंकार हिली हुकूमत अंग्रेजों की, जब चले शब्दों के बाण  जरूरी नहीं कि भावों ...

शहीद करतार सिंह सराभा

विशेष लेख नवनीत मेंहदीरत्‍ता       यह आजादी से पूर्व के भारत की एक कहानी है, जब पंजाब का एक बेहद युवा क्रांतिकारी ...

हर दिल अज़ीज़ नेता थे राजीव गांधी

श्री राजीव गांधी ने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था.  स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक ...