देश की समस्या

कन्या पूजक समाज में ‘दरिंदों’ की भरमार

          भारत शायद दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां कन्याओं व महिलाओं का सबसे अधिक गुणगान ...

जौनपुर (उप्र) के इस पुलिस अधिकारी ने पीड़िता के पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया

रविन्द्र कुमार द्विवेदी की कलम से   न्याय के लिए दर-दर ठोकर खाने पर मजबूर परियत (जौनपुर , उप्र) की पीड़िता पूर्व ...

भारत को एकीकृत जलनीति की आवश्यकता

-संदीप सोनवलकर भारत को भविष्य में तेज गति से विकास करने के लिए अपने जल संसाधनों का प्रबंधन कुशलता से करना ...

भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी ...

समाज में गहराती अंधविश्वास की जड़ें

    पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान ' जैसा लोकप्रिय नारा देश को दिया था उस ...

नेताओं की बदजुबानी कैसे रूके?

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे दे तो क्या ...

भ्रम पैदा करते ये ‘नामुराद फ़तवे’

     इतिहास इस बात का गवाह है कि अपने उद्भव काल से ही इस्लाम को जितना नुक़सान स्वयं को मुसलमान ...

दहशत-ए-कोरोना : एक अबूझ पहेली

              पूरे विश्व में एक बार फिर कोविड के विस्तार को लेकर चिंतायें बढ़ने लगी हैं। भारत सहित दुनिया के अनेक ...

क्या विवादित बयान देना भी ‘सुर्ख़ियां बटोरने’ का माध्यम बन गया है ?

      हमारे देश में धर्म-कर्म,नैतिकता-मर्यादा,मान-सम्मान,आदर-सत्कार,परोपकार-शिष्टाचार,सरलता व मृदुभाषी होने आदि की जितनी ज़्यादा बातें की जाती हैं इन बातों का उतना ...

रवीश के बहाने उधड़ती पत्रकारीय परंपरा की बखिया

सबसे पहले तो यह घोषणा कि रवीश कुमार के प्रति जितना प्रेम आपके मन में है उससे कुछ ज्यादा ही ...